श्री कृष्ण उपदेश... from Geeta mahabharat

Moral story in hindi
🔔 *श्री कृष्ण उपदेश...* 🔔

पूर्वजों की इच्छा, आशा, महत्वकांक्षा, क्रोध, बैर, प्रतिशोध...आने वाली पीठी की धरोहर बनते हैं। माता-पिता अपनी सन्तानों को देना तो चाहते हैं समस्त संसार का सुख... पर देते हैं अपनी पीठाओं की समपत्ति...

देना चाहते हैं अमृत, पर साथ ही साथ विष का घड़ा भी भर देते हैं। आप विचार कीजिए कि आपने अपनी सन्तानों को क्या दिया आज तक?

अवश्य प्रेम, ज्ञान, सम्पत्ति आदि दी है! पर क्या साथ ही साथ उनके मन को मेल से भर देने वाले पूर्व ग्रह नही दिये? अच्छे-बुरे की पूर्व निर्धारित व्याख्यायें नही दीं?

व्यक्ति का व्यक्ति के साथ, सामाजों का सामाजों के साथ, विश्व का विश्व के साथ संघर्ष...क्या ये पूर्व ग्रहों से निर्मित नही होते? हत्या, मृत्यु, रक्तपात आदि क्या इन्हे पूर्व ग्रहों से नही जन्मते...

अर्थात माता-पिता जन्म के साथ ही अपनी सन्तानों को मृत्यु का दान भी दें देते हैं। प्रेम के प्रकाश के साथ-साथ घृणा का अन्धकार भी देते हैं। और अन्धकार मन का हो, ह्दय का हो या वास्तविक हो उससे केवल भय ही प्राप्त होता है। केवल भय..!

*स्वंय विचार कीजिए...*
*जय श्री राधे कृष्ण...*🚩

श्री कृष्ण उपदेश... from Geeta mahabharat श्री कृष्ण उपदेश... from Geeta mahabharat Reviewed by Akhilesh Kumar Singh on 08:17 Rating: 5

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